भारतीय टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अपना आक्रामक रवैया बनाए रखने की सलाह दी है। शास्त्री ने कहा कि मोहम्मद सिराज को किसी भी स्थिति में कदम पीछे नहीं खींचने चाहिए। शास्त्री, जो अपने कोचिंग कार्यकाल के दौरान ऑस्ट्रेलिया में दो ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीतने में अहम भूमिका निभा चुके हैं, का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया को उसी की भाषा में जवाब देना चाहिए
मोहम्मद सिराज का आक्रामक प्रदर्शन बना चर्चा का केंद्र
रवि शास्त्री ने अपने कॉलम में लिखा, "सिराज और हेड जैसे अनुभवी खिलाड़ी इन मुद्दों को आसानी से सुलझा सकते हैं। हालांकि, तेज गेंदबाज का अपनी भावनाओं को व्यक्त करना स्वाभाविक है। सिराज का यह आक्रामक रवैया बताता है कि वह अपने खेल को लेकर कितने जुनूनी हैं।"
मोहम्मद सिराज ने एडिलेड टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के 310 रनों के स्कोर पर ट्रेविस हेड को बोल्ड कर भारत को बड़ी सफलता दिलाई। हेड ने 141 गेंदों में 17 चौकों और चार छक्कों की मदद से 140 रनों की शानदार पारी खेली थी। यॉर्कर पर बोल्ड होने के बाद हेड और सिराज के बीच पवेलियन लौटते समय कहासुनी भी हुई, जिससे माहौल कुछ समय के लिए गर्म हो गया।
'एक कदम भी पीछे मत हटो' की रणनीति
शास्त्री ने अपने खेल के दिनों को याद करते हुए कहा कि वह हमेशा अपने प्रतिद्वंद्वियों को उसी अंदाज में जवाब देते थे। "जब मैं ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोचिंग के लिए गया था, मैंने खिलाड़ियों से कहा था कि हमें आक्रामक बने रहना है। यह टीम की मानसिकता बन गई, जिसमें विराट कोहली और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों ने भी अहम भूमिका निभाई।"
शास्त्री ने जोर दिया कि मोहम्मद सिराज का जोश टीम के लिए प्रेरणादायक है और यह बताता है कि वह अपने खेल में कोई समझौता नहीं करना चाहते। सिराज की आक्रामकता को भारतीय टीम की संस्कृति का अहम हिस्सा बताते हुए शास्त्री ने कहा, "इस मानसिकता ने ही हमें ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक जीत दिलाई।"